एक तमाचा संघ को आई एस के जैसा बताने वालों के लिए —
१
जब जब देश में
कोई विपत्ति आयी है तो
संघियों ने अपनी
जी जान ही लगाई है
छोड़ धर्म, जात को
इंसानियत के नाते ही
संघियों ने भी हज़ारों
जिंदगी बचायी हैं
चीन हो चाहे हो पाक
युद्ध की आयी जो बात
जब भी शत्रुओं ने सेंध
हिन्द में लगाई है
तब शत्रुओं को
हिन्द से खदेड़ने में
सैनिकों के संग संघियों ने
भूमिका निभाई है
२
कलियुगी कलंकियों की
विष भरे डंकियों की
रक्त के पिपासुओ की
फौज है आई एस
बेजुबानों और अबलाओ
के लिए है नर्क
वासना के भेडियों की
मौज है ये आई एस
संघ को आई एस के
बराबरी बताने वाले
दुष्टों की भी लगती है
जोंज है आई एस
जानते हैं सब फिर भी
बने हैं अनजान
आसमानी ग्रंथ की ही
खोज है ये आई एस
—–कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह “आग”
9675426080
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें