अब कैसे समझाऊं कलियुग के इंसान कुकर्मी को शर्म हया को छोड़ सभी ने पहन लिया बेशर्मी को बड़ी धर्म की बातें करते जो बस सोशल मंचों पर आग लगा दूँ दिल कहता ऐसे इंसान अधर्मी को कवि देवेन्द्र प्रताप सिंह “आग” 9675426080
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