न तुझमे बुराई है, न मुझ में बुराई है फिर नफरत की आग किसने लगाई है ! लगाने वाले ने तो रोटिया सेंक ली, इसमें जलने वाले तेरे और मेरे भाई है !!
! ! ! डी. के. निवातियां……!!
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