सोमवार, 19 जनवरी 2015

ये सीढ़ीया कहाँ जाती है

ये सीढ़ीया कहाँ जाती है ;
जाने कोनसी दिशा में ये सीढ़ीया जाती है ;
जहाँ भी जाती है मुझे अपने साथ ले जाती है ;
मुझे वर्तमान से भविष्य की यादो में ले जाती है ;
हर कदम से एक कम होती जाती है ;
जाने कोनसी दिशा में ये सीढ़ीया जाती है !
शायद इस दुनिया से दूर एक और दुनिया में जाती है ;
इस दुनिया से दूर मुझे एक दूसरी दुनिया में ले जाना चाहती है ;
बिना कुछ कहे बस आगे बढ़ती जाती है ;
अपने अंत के बारे में कुछ नहीं बताती है ;
जाने कोनसी दिशा में ये सीढ़िया जाती है !
हर कदम से मुझे मेरे अस्तित्व से दूर ले जाती है ;
सवाल अब भी वही है ,
जाने कोनसी दिशा में ये सीढ़ीया जाती है |