सोमवार, 31 दिसंबर 2012

हाय! री ये किस्मत...

ये गाना दिल्ली गैंग रेप पीड़ित दिवंगत दामिनी को श्रधान्जली है।

हाय! री ये किस्मत...

यह गाना यूट्यूब पर है, गाना

Shwet

तीन-पंक्तियाँ

"माहिया" नामक शैली से तीन पंक्तियाँ मे कविता लिखी गई है,


(1)
तीन पंक्तियों के मेल,
सजन ‘का ’ खेल;
आप सब बिठाएं

पूरा पढ़े ...

तीन-पंक्तियाँ

"माहिया" नामक शैली से तीन पंक्तियाँ मे कविता लिखी गई है,


( ;D)
तीन पंक्तियों के मेल,
सजन ‘का ’ खेल;
आप सब बिठाएं

पूरा पढ़े ...

Happy new year

happy new

पूरा पढ़े ...

बंजारा...

होड़ सी लगी है,

उस अदृश्य तक पहुँचने की।

वहां तक पहुंचे तो कहीं,

और गन्तव्य पर चल पड़े।

रास्ते बदले, मंजिले

Vivek

प्यारा -सा चाँद !

1

आज की रात,

केसरिया है चाँद ,

प्यारा सलोना !

2

देखूँ अक्सर

यूँ तो फलक पर

प्यारा -सा चाँद !

3

आज निहारूँ,

बसाए

पूरा पढ़े ...

प्यारा -सा चाँद !

1

आज की रात,

केसरिया है चाँद ,

प्यारा सलोना !

2

देखूँ अक्सर

यूँ तो फलक पर

प्यारा -सा चाँद !

3

आज निहारूँ,

बसाए

पूरा पढ़े ...

मेरी बिटिया

1

हो मुबारक़,

जन्मदिन तुझको। ।

मेरी बिटिया !

मैं जाऊँ वारी- वारी,

लूँ मैं तेरी बलैयाँ !

2

तू मेरा मान,

तू मेरा

पूरा पढ़े ...

प्यारा -सा चाँद !

1

आज की रात,

केसरिया है चाँद ,

प्यारा सलोना !

2

देखूँ अक्सर

यूँ तो फलक पर

प्यारा -सा चाँद !

3

आज निहारूँ,

बसाए

पूरा पढ़े ...

प्यारा -सा चाँद !

1

आज की रात,

केसरिया है चाँद ,

प्यारा सलोना !

2

देखूँ अक्सर

यूँ तो फलक पर

प्यारा -सा चाँद !

3

आज निहारूँ,

बसाए

पूरा पढ़े ...

मेरी बिटिया

1

हो मुबारक़,

जन्मदिन तुझको। ।

मेरी बिटिया !

मैं जाऊँ वारी- वारी,

लूँ मैं तेरी बलैयाँ !

2

तू मेरा मान,

तू मेरा

पूरा पढ़े ...

मेरी बिटिया

1

हो मुबारक़,

जन्मदिन तुझको। ।

मेरी बिटिया !

मैं जाऊँ वारी- वारी,

लूँ मैं तेरी बलैयाँ !

2

तू मेरा मान,

तू मेरा

पूरा पढ़े ...

सजाओ हरीतिमा

1

(अ)

सोंधी महक,

स्वच्छ वातावरण…

कहाँ खो गया?

(ब )

धूल, ईंधन,

बारूद से दूषित…

जग हो गया !

2

(अ)

प्लास्टिक

पूरा पढ़े ...

सजाओ हरीतिमा

1

(अ)

सोंधी महक,

स्वच्छ वातावरण…

कहाँ खो गया?

(ब )

धूल, ईंधन,

बारूद से दूषित…

जग हो गया !

2

(अ)

प्लास्टिक

पूरा पढ़े ...

झगड़ा चमचे और कुत्ते का

चमचा - कुत्ते शर्म नहीं आती, गलत रास्ते जा रहा है।

नेताजी का जूँठा, हमारा हक तू खा रहा है।

 

कुत्ता - भाई साहब! आप

पूरा पढ़े ...

काली कोठरी में कैद

लगता है चाँद मुजरिम है कैद काट रहा है रातों की घुप्प काली कोठरी में

सूरज को सिपाही बनाकर सुरक्षा व्यावस्था का

पूरा पढ़े ...

अकेलापन

भीड भरी दूनिया में,

आज इन्सान अकेला है !

करता है जो जग को रोसन

आज वो सूरज अकेला

jeewan

kali kothari main kaid

“काली कोठरी में कैद“
लगता है चाँद मुजरिम है कैद काट रहा है रातों की घुप्प काली कोठरी में

 

 

सूरज को सिपाही

पूरा पढ़े ...

jhagda chamacha aur kutte ka

चमचा - कुत्ते शर्म नहीं आती, गलत रास्ते जा रहा है। नेताजी का जूँठा, हमारा हक तू खा रहा है। कुत्ता - भाई साहब! आप ही तो कह

पूरा पढ़े ...

आंखो का गिरता जल स्तर

आंखो का गिरता जल स्तर

आंखो का गिरता जल स्तर,

रिश्तो की धरती है बंजर,

आंखो का गिरता जल स्तर।

****

राम लखन का

पूरा पढ़े ...

कुछ जिंदगी में हमारी तुम इस तरह आए

<strong>कुछ जिंदगी में हमारी तुम इस तरह आये
चाहते हुए भी हम खुद को रोक न पाए|
है ये तेरा जलवा या कदम हमारे थे लड़खड़ाए

पूरा पढ़े ...

माँ सरस्वती वन्दना

शीघ्र जाग इश्वर से नित

मे पुरा ध्यान लगाउगा

मधुर वचन

पूरा पढ़े ...

Maa Saraswati Vandana

शीघ्र जाग इश्वर से नित

मे पुरा ध्यान लगाउगा

मधुर वचन

पूरा पढ़े ...

अमर अमिट भारत

न मेरा

न तेरा

यह भारत देश

हम सबका

 

हम यहां

करेंगे ईमानदारी से

मजदूरी किसानी कुली गिरी

नेता गिरी

पूरा पढ़े ...

बाप की हार बेटे से हो जाती है

विज्ञान के छात्र ने, कुत्ते की पूंछ से कुछ गाया।
बाप बोला बेटा, तू कुत्ते की पूंछ क्यों ले आया।
छात्र बोला पिताजी,

पूरा पढ़े ...

रविवार, 30 दिसंबर 2012

जीवन के पथरीले रास्ते पर...

जीवन के पथरीले रास्ते पर,
कुछ खोया, कुछ पाया है हम ने |
कहीं धूप मिली, कहीं छाँव मिला,
हर मौसम को हँस के, बिताया है हम

पूरा पढ़े ...

जीवन के पथरीले रास्ते पर...

जीवन के पथरीले रास्ते पर,

कुछ खोया, कुछ पाया है हम ने |

कहीं धूप मिली, कहीं छाँव मिला,

हर मौसम को हँस के, बिताया है हम

पूरा पढ़े ...

जीवन के पथरीले रास्ते पर...

जीवन के पथरीले रास्ते पर,

कुछ खोया, कुछ पाया है हम ने |

कहीं धूप मिली, कहीं छाँव मिला,

हर मौसम को हँस के, बिताया है हम

पूरा पढ़े ...

जीवन के पथरीले रास्ते पर...

जीवन के पथरीले रास्ते पर,

कुछ खोया, कुछ पाया है हम ने |

कहीं धूप मिली, कहीं छाँव मिला,

हर मौसम को हँस के, बिताया है हम

पूरा पढ़े ...

09-अपनी खता ना कोई गुनहगार हम नही [गजल]

APNI KHATA NA KOI GUNAHGAR HAM NAHI...
अपनी ख़ता ना कोई गुनहगार हम नही *
फिर क्यूं तेरी नज़र मे तेरा प्यार हम नही
.....
उनकी किसी भी बात से

पूरा पढ़े ...

28-ये दुनिया खूबसूरत है ज़माना खुबसूरत है

= ग़ज़ल =
ये दुनिया खूबसूरत है ज़माना खुबसूरत है =
मुहब्बत की नज़र से देखने की बस जरुरत है =

यहाँ पर

पूरा पढ़े ...

27-ज़िंदगी का सहारा मिले न मिले

= ग़ज़ल =
ज़िंदगी का सहारा मिले न मिले ==
साथ तुमको हमारा मिले न मिले ==

वक़्त है आ गले से लगा लूँ सनम ==
इतनी

पूरा पढ़े ...

27-ज़िंदगी का सहारा मिले न मिले

ग़ज़ल
ज़िंदगी का सहारा मिले न मिले
साथ तुमको हमारा मिले न मिले

वक़्त है आ गले से लगा लूँ सनम
इतनी फुर्सत

पूरा पढ़े ...

17-रहेंगे  दिल में ये समझा था वो ख़ुशी बनकर

ग़ज़ल
रहेंगे दिल में ये समझा था वो ख़ुशी बनकर
मिटा रहे है वही मुझको ज़िन्दगी बनकर

वो मेरे ज़िस्म

पूरा पढ़े ...

17-रहेंगे  दिल में ये समझा था वो ख़ुशी बनकर

ग़ज़ल
रहेंगे दिल में ये समझा था वो ख़ुशी बनकर
मिटा रहे है वही मुझको ज़िन्दगी बनकर

वो मेरे ज़िस्म

पूरा पढ़े ...

12-चाँद   सूरज  में  सितारों  में    तेरा नाम रहे

ग़ज़ल
चाँद सूरज में सितारों में तेरा नाम रहे
जब भी चमके तो चमक तेरी सरे बाम रहे

मेरी खुशहाली की

पूरा पढ़े ...

BAAP KI HAAR BETE SE HO JATI HAI

विज्ञान के छात्र ने, कुत्ते की पूंछ से कुछ गाया।
बाप बोला बेटा, तू कुत्ते की पूंछ क्यों ले आया।
छात्र बोला पिताजी,

पूरा पढ़े ...

नया सपना

नया सपना

 

 

गाँव के मेले में हाथों को थामें,

घुमती हुई रंगीली चकरी को ताकते,

उन मासूम सपनो की तरह,

समय की हर

पूरा पढ़े ...

Amar amit Bhart

अमर अमिट भारत”---कश्मीर सिंह
 
न मेरा

न तेरा

यह भारत देश

हम सबका

 


हम यहां

करेंगे ईमानदारी से

मजदूरी

पूरा पढ़े ...

सियासी गलियारे

kavita

अकेलापन \ Akelapan

भीड भरी दूनिया में,

आज इन्सान अकेला है !

करता है जो जग को रोसन

आज वो सूरज अकेला

jeewan

अकेलापन \ Akelapan

भीड भरी दूनिया में,

आज इन्सान अकेला है !

करता है जो जग को रोसन

आज वो सूरज अकेला

jeewan

Maa Saraswati Vandana

शीघ्र जाग इश्वर से नित

मे पुरा ध्यान लगाउगा

मधुर वचन

पूरा पढ़े ...

Maa Saraswati Vandana

शीघ्र जाग इश्वर से नित

मे पुरा ध्यान लगाउगा

मधुर वचन

पूरा पढ़े ...

ये सब उलटा सा क्यूँ ?

ये सब उलटा सा क्यूँ ?

सोच ही तो माया का खेल है,
बहुत गहरा उलझा सवाल है,
भगवान् एक, पर रूप अनेक ;
भगवान् ने हमे

पूरा पढ़े ...

श्रधांजली

श्रधांजली

मृत्यु की व्याकुलता से परेशान :
इस पीड़ा को अब मन न पहनाना,
अतीत की वि-स्मृति का परिधान!
डिगे नहीं कितने

पूरा पढ़े ...

जबाव-सवाल !!

जबाव-सवाल !!

आयकर अधिकारी के पास,
हिसाब का लेखा-जोखा बताने;
पहुँचा देहाती होकर बदहवास!
साहब ने पूछा "खाता कंहा

पूरा पढ़े ...

प्रतिक्रिया

प्रतिक्रिया

योग्यता को मिले सम्मान,

देनेवाले का भी बड़े मान;

जिन मे होता सही-सही ज्ञान,

नहीं होंता उनमे कोई

पूरा पढ़े ...

इज़्ज़त!?!

इज़्ज़त!?!

मानसिक अवसाद-अत्याचार:
झेले शारीरिक कस्ट विकार,
किसी से हैवानों का बलात्कार:
विकृत यौनेच्छा का आधार

पूरा पढ़े ...

मां\Maa

बच्चे का पहला शब्द है, मां

एक वर्ण से पूर्ण; शब्द है, मां
जीवन

पूरा पढ़े ...

मां\Maa

बच्चे का पहला शब्द है, मां एक वर्ण से पूर्ण; शब्द है, मां
जीवन

पूरा पढ़े ...

भारत की बेटी को अश्रुपूर्ण श्रधांजलि

भारत की बेटी को अश्रुपूर्ण श्रधांजलि

- मिटा सके जो दर्द तेरा
वो शब्द कहाँ से लाऊँ
चूका सकूं एहसान तेरा
वो प्राण

hearteaching poem on rape

बलात्कार पर कविता

मिटा सके जो दर्द तेरा
वो शब्द कहाँ से लाऊँ
चूका सकूं एहसान तेरा
वो प्राण कहाँ से लाऊँ

खेद हुआ है आज मुझे
लेख से

पूरा पढ़े ...

मैं कौन हूँ

कभी- कभार

जब कभी

मेरी बस्ती में

मुझे कोई

मेरे नाम से

आवाज देता है,तो

मुझे मेरे होने का

तब जाकर

सही अहसास

पूरा पढ़े ...

शनिवार, 29 दिसंबर 2012

वह चुटकियों में हल निकाल देता है

वह चुटकियों में हल निकाल देता है
चालाक है, कीचड़ उछाल देता है ।

घुप्प अंधेरा हर तरफ कायम रहे -
आवरण सूरज पे डाल देता

पूरा पढ़े ...

स्‍त्री पर कविता - दामिनी/निर्भया को समर्पित

१)
आज विधाता से एक सवाल पूछने का बड़ा मन कर रहा है -
हे सृजनहार
पूछती हूँ
तुझसे एक सवाल
क्यों लिख दी तूने
जन्म के

पूरा पढ़े ...

स्‍त्री पर कविता - दामिनी/निर्भया को समर्पित

१)
आज विधाता से एक सवाल पूछने का बड़ा मन कर रहा है -
हे सृजनहार
पूछती हूँ
तुझसे एक सवाल
क्यों लिख दी तूने
जन्म के

पूरा पढ़े ...

sushila shivran

स्‍त्री पर कविता - दामिनी/निर्भया को

पूरा पढ़े ...

sushila shivran

स्‍त्री पर कविता - दामिनी/निर्भया को

पूरा पढ़े ...

sushila shivran

स्‍त्री पर कविता - दामिनी/निर्भया को

पूरा पढ़े ...

sushila shivran

स्‍त्री पर कविता - दामिनी/निर्भया को

All this compositions are original. The copyright of these compositions rests with me and these should not be used/published anywhwere without my permission.

sushila shivran

स्‍त्री पर कविता - दामिनी/निर्भया को

All this compositions are original. The copyright of these compositions rests with me and these should not be used/published anywhwere without my permission.

दामिनी/निर्भया को समर्पित कविताएँ

१)
आज विधाता से एक सवाल पूछने का बड़ा मन कर रहा है -हे सृजनहार
पूछती हूँ
तुझसे

All this compositions are original. The copyright of these compositions rests with me and these should not be used/published anywhwere without my permission.

दामिनी/निर्भया को समर्पित कविताएँ

१)
आज विधाता से एक सवाल पूछने का बड़ा मन कर रहा है -हे सृजनहार
पूछती हूँ
तुझसे

All this compositions are original. The copyright of these compositions rests with me and these should not be used/published anywhwere without my permission.

दामिनी/निर्भया को समर्पित कविताएँ

१)
आज विधाता से एक सवाल पूछने का बड़ा मन कर रहा है -हे सृजनहार
पूछती हूँ
तुझसे

All this compositions are original. The copyright of these compositions rests with me and these should not be used/published anywhwere without my permission.

दामिनी/निर्भया को समर्पित कविताएँ

१)
आज विधाता से एक सवाल पूछने का बड़ा मन कर रहा है -हे सृजनहार
पूछती हूँ
तुझसे

All this compositions are original. The copyright of these compositions rests with me and these should not be used/published anywhwere without my permission.

 

 

४०९०. न परवाने मेरे नज़दीक आना

 

न परवाने मेरे नज़दीक आना

नहीं मैं चाहती तुझको जलाना

 

बहुत भोला बहुत

पूरा पढ़े ...

दामिनी/निर्भया को समर्पित कविताएँ

१)
आज विधाता से एक सवाल पूछने का बड़ा मन कर रहा है -हे सृजनहार
पूछती हूँ
तुझसे

All this compositions are original. The copyright of these compositions rests with me and these should not be used/published anywhwere without my permission.

दामिनी/निर्भया को समर्पित कविताएँ

१)
आज विधाता से एक सवाल पूछने का बड़ा मन कर रहा है -हे सृजनहार
पूछती हूँ
तुझसे

All this compositions are original. The copyright of these compositions rests with me and these should not be used/published anywhwere without my permission.

दामिनी/निर्भया को समर्पित कविताएँ

१)
आज विधाता से एक सवाल पूछने का बड़ा मन कर रहा है -

हे सृजनहार
पूछती हूँ
तुझसे

All this compositions are original. The copyright of these compositions rests with me and these should not be used/published anywhwere without my permission.

“मैं कौन हूँ” Main kaon hoon

“मैं कौन हूँ”
 

 

कभी- कभार

जब कभी

मेरी बस्ती में

मुझे कोई

मेरे नाम से

आवाज देता है,तो

मुझे मेरे होने

पूरा पढ़े ...

बलात्कार पर कविता

<a href="http://www.hindisahitya.org/poet-arun-mishra/24131/attachment/girl/" rel="attachment wp-att-24132"><img src="http://www.hindisahitya.org/wp-content/uploads/girl.jpg" alt="girl" width="259" height="194"

पूरा पढ़े ...

बलात्कार पर कविता

मिटा सके जो दर्द तेरा
वो शब्द कहाँ से लाऊँ
चूका सकूं एहसान तेरा
वो प्राण कहाँ से लाऊँ

खेद हुआ है आज मुझे
लेख से

पूरा पढ़े ...

बलात्कार पर कविता

<a href="http://www.hindisahitya.org/poet-arun-mishra/24131/attachment/girl/" rel="attachment wp-att-24132"><img src="http://www.hindisahitya.org/wp-content/uploads/girl.jpg" alt="girl" width="259" height="194"

पूरा पढ़े ...

बलात्कार पर कविता

<a href="http://www.hindisahitya.org/poet-arun-mishra/24131/attachment/girl/" rel="attachment wp-att-24132"><img src="http://www.hindisahitya.org/wp-content/uploads/girl.jpg" alt="girl" width="259" height="194"

balatkar pr kavita,hearteaching poem, rape,arun mishra,arun,arun kavita

बलात्कार पर कविता

<a href="http://www.hindisahitya.org/poet-arun-mishra/24131/attachment/girl/" rel="attachment wp-att-24132"><img src="http://www.hindisahitya.org/wp-content/uploads/girl.jpg" alt="girl" width="259" height="194"

balatkar pr kavita,hearteaching poem, rape,arun mishra,arun,arun kavita

भारत की बेटी को अश्रुपूर्ण श्रधांजलि

- मिटा सके जो दर्द तेरा
वो शब्द कहाँ से लाऊँ
चूका सकूं एहसान तेरा
वो

hearteaching poem on rape

घुटन

घुटन
आज फिर चिडिया चहचहाने लगी है
कल शाम जो जिन्दगि खो दिया था मैने
आज फिर उसे पाया हूँ
कल क्या होगा किसे पता

पूरा पढ़े ...

कैसे कहूँ अलबिदा

कैसे कहूँ अलबिदा

यह फूल जो मैने बोया है
इश्वर कि एक तोहफा है
आज इस फूल को आप की नजर मे
चड़ाने जारहा हुँ
मुझे जो

पूरा पढ़े ...

शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

कविता-मकरंद की मिठास

मुझसे किसी ने कहा
कविता है
पार्थिव शब्दों का संसार
मैं नहीं मानती
इन शब्दों में भरी है
मकरंद की मिठास
सुमन की गंध

पूरा पढ़े ...

कविता-मकरंद की मिठास

मुझसे किसी ने कहा
कविता है
पार्थिव शब्दों का संसार
मैं नहीं मानती
इन शब्दों में भरी है
मकरंद की मिठास
सुमन की गंध

पूरा पढ़े ...

सियासी गलियारे

kavita

सियासी गलियारे

kavita

उम्र जो बढ़ी

उम्र जो बढ़ी

बढ़ा जोश उनका
कुछ पद था
कुछ पैसे का बल

माता पिता की
थी अपनी दुनिया
लड़खड़ाती
हाथों में ले के

पूरा पढ़े ...

उम्र जो बढ़ी

उम्र जो बढ़ी

बढ़ा जोश उनका
कुछ पद था
कुछ पैसे का बल

माता पिता की
थी अपनी दुनिया
लड़खड़ाती
हाथों में ले के

पूरा पढ़े ...

देखा है मैने

माँ देखा मैने -
बहुत कुछ देखा
बेनूर लोग
बेरंग ये दुनिया
देखा है मैने
खुद आगे जाने को
कुचला उसे
स्वार्थी हुआ

पूरा पढ़े ...

बरसों बाद

बरसों बाद

मेरे मन आँगन

महका प्यार

झूम उठा आसमां

खिला संसार।

मन की कलियाँ भी

खिलने लगी

चेहरे पे रंगत

दिखने

पूरा पढ़े ...

याद- परिंदे

कहाँ से आए

ये उड़ते-उड़ाते

याद परिंदे

हम कैसे बताएँ ।

भीगी पलकें

उदासियों का चोला

पहने बैठीं

चुपके से

पूरा पढ़े ...

मेरी प्रीत का चटख रंग

पहले रंगो

फिर उतार फेंको

भाये न मुझे

छलिया-सी बहार

पल का प्यार।

समा के रखो तुम

गहराई से

मन के भीतर यूँ

कि

पूरा पढ़े ...

नन्हीं -सी परी

नन्हीं -सी परी

गुलाब पाँखुरी सी

आई जमीं पे

झूम उठा आँगन

महकी हंसी

रोशन होने लगा

बुझा सा मन

भर गई फिर

पूरा पढ़े ...

जेठ की धूप

बनकर दुश्मन

जलाती तन

बिगाड़े सब रिश्ते।

बाज़ न आती

आग तक लगाती

न घबराती

हैं सब ही पिसते।

पूरे

पूरा पढ़े ...

ये खामोशियाँ

ये खामोशियाँ

डुबो गई मुझको

दर्द से भरी

गहन औ’ अँधेरी

कोठरियों में।

गूँजती ही रहती

मेरी साँसों

पूरा पढ़े ...

मेरी प्रीत का चटख रंग

पहले रंगो

फिर उतार फेंको

भाये न मुझे

छलिया-सी बहार

पल का प्यार।

समा के रखो तुम

गहराई से

मन के भीतर यूँ

कि

पूरा पढ़े ...

कोई तो है!

कोई तो है!’
मेरा पाठक मुरझा गया है क्योंकि कोई उसकी समस्या अनसुलझी छोड़ कर सुलझा गया है।

मैं जो लिखता हूं वह नहीं

पूरा पढ़े ...

कौन महान

“कौन महान” कौन बड़ा है कौन है छोटा आओ करें विचार ताकि न हो सके हम किसी भ्रम का शिकार क्या शासक बड़ा है प्रशासक बड़ा

पूरा पढ़े ...

गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

क्या होगा

"क्या होगा"
गुस्सा कर....

अपना माथा

फोड कर

क्या होगा

 

जमीन से

आकाश में

वार कर

क्या होगा

 

समुद्र

पूरा पढ़े ...

नहीं रोती हूँ मैं

नहीं रोती हूँ मैं

अगले सावन आने तक

मेह में भीगती हूँ, तब मैं रोती हूँ

कितनी-कितनी देर रोती हूँ

तन गलता है, मन

पूरा पढ़े ...

नहीं रोती हूँ मैं

नहीं रोती हूँ मैं

अगले सावन आने तक

मेह में भीगती हूँ, तब मैं रोती हूँ

कितनी-कितनी देर रोती हूँ

तन गलता है, मन

पूरा पढ़े ...

खिड़कियाँ

खिड़कियाँ



लफ़्ज़ों के झाड़ उगे रहते थे

जब तुम थे मेरे साथ

हम दोनों थे हमारे पास

रिश्ते की ओढ़नी

पूरा पढ़े ...

खिड़कियाँ

खिड़कियाँ



लफ़्ज़ों के झाड़ उगे रहते थे

जब तुम थे मेरे साथ

हम दोनों थे हमारे पास

रिश्ते की ओढ़नी

पूरा पढ़े ...

खिड़कियाँ

खिड़कियाँ



लफ़्ज़ों के झाड़ उगे रहते थे

जब तुम थे मेरे साथ

हम दोनों थे हमारे पास

रिश्ते की ओढ़नी

पूरा पढ़े ...

अलाव

अलाव



तुमसे अलग होकर

घर लौटने तक

मन के अलाव पर

आज फिर एक नयी कविता पकी है

अकेलेपन की आँच से

समझ नहीं पाती

पूरा पढ़े ...

अलाव

अलाव



तुमसे अलग होकर

घर लौटने तक

मन के अलाव पर

आज फिर एक नयी कविता पकी है

अकेलेपन की आँच से

समझ नहीं पाती

पूरा पढ़े ...

नहीं चाहिए

नहीं चाहिए



अब

तुम्हारे झूठे आश्वासन

मेरे घर के आँगन में फूल नहीं खिला सकते

चाँद नहीं उगा सकते

मेरे घर की

पूरा पढ़े ...

kaon mahan

 
“कौन महान”
 

 

 

 

 

कौन बड़ा है

 

कौन है छोटा

 

आओ करें विचार

 

ताकि न हो सके हम

 

किसी

पूरा पढ़े ...

koi to hai

कोई तो है!’
 

मेरा पाठक मुरझा गया है क्योंकि कोई उसकी समस्या अनसुलझी छोड़ कर सुलझा गया है। मैं जो लिखता हूं वह

पूरा पढ़े ...

धूप के रंग ( हाइकु)

धूप के रंग

1

धूप कणियाँ

खुल गई गठरी

चिडियाँ चुगे

2

इन्द्र धनुष

सतरंगी झूलना

झूलती धूप

3

जेठ

पूरा पढ़े ...

माहिया 35-51

35

हम रीत न तोड़ेंगे

बचपन की यादें

सीपी में जोडेंगे ।

36

पुरवा संग आए हैं

पंछी पाहुन का

संदेसा लाए हैं

पूरा पढ़े ...

माहिया 35-51

35

हम रीत न तोड़ेंगे

बचपन की यादें

सीपी में जोडेंगे ।

36

पुरवा संग आए हैं

पंछी पाहुन का

संदेसा लाए हैं

पूरा पढ़े ...

माहिया-35-51

35

हम रीत न तोड़ेंगे

बचपन की यादें

सीपी में जोडेंगे ।

36

पुरवा संग आए हैं

पंछी पाहुन का

संदेसा लाए हैं

पूरा पढ़े ...

माहिया-35-51

35

हम रीत न तोड़ेंगे

बचपन की यादें

सीपी में जोडेंगे ।

36

पुरवा संग आए हैं

पंछी पाहुन का

संदेसा लाए हैं

पूरा पढ़े ...

माहिया-35-51

35

हम रीत न तोड़ेंगे

बचपन की यादें

सीपी में जोडेंगे ।

36

पुरवा संग आए हैं

पंछी पाहुन का

संदेसा लाए हैं

पूरा पढ़े ...

जीवन इक सपना है -माहिया 1-16

डॉ हरदीप कौर सन्धु

1.

भावों का मेला है

इस जग- जंगल में

मन निपट अकेला है ।

2.

ख़त माँ का आया है

मुझको पंख

पूरा पढ़े ...

माहिया 37-46

37

जीवन था चन्दन-वन

ऐसी आग लगी

झुलसा है तन औ मन ।

38

क्या रूप निराले हैं

वेश धरे उजले

मन इनके काले हैं ।

39

उपदेश

पूरा पढ़े ...

माहिया 37-46

37

जीवन था चन्दन-वन

ऐसी आग लगी

झुलसा है तन औ मन ।

38

क्या रूप निराले हैं

वेश धरे उजले

मन इनके काले हैं ।

39

उपदेश

पूरा पढ़े ...

माहिया 25-36

25

साध यही मन में-

तेरी पीर हरूँ

मैं हर पल जीवन में ।

26

जो मुझको दान दिया ।

तुमको पता नहीं

कितना अहसान किया

पूरा पढ़े ...

माहिया 13-24

13

आँसू सब पी लेंगे

जो दु:ख तेरे हैं

उनको ले जी लेंगे

14

मन की तुम मूरत हो

जितने रूप मिले

उनकी तुम सूरत

पूरा पढ़े ...

माहिया 13-24

13

आँसू सब पी लेंगे

जो दु:ख तेरे हैं

उनको ले जी लेंगे

14

मन की तुम मूरत हो

जितने रूप मिले

उनकी तुम सूरत

पूरा पढ़े ...

माहिया1-12

-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

1.

ये भोर सुहानी है

चिड़ियाँ मन्त्र पढ़ें

सूरज सैलानी है

2.

आँसू जब बहते

पूरा पढ़े ...

माहिया1-12

-रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

1.

ये भोर सुहानी है

चिड़ियाँ मन्त्र पढ़ें

सूरज सैलानी है

2.

आँसू जब बहते

पूरा पढ़े ...

हम तो हैं उनके -माहिया-23-33

23

मन यूँ ना मुरझाना

बीत गईं खुशियाँ

गम को भी टुर जाना ।

24

रुत बदली -बदली है

अपना राज लगे

अपनी -सी ढपली है

पूरा पढ़े ...

सागर क्यूँ खारा है ?माहिया 12-22

12

कल बात कहाँ छोड़ी

सच तक जाती थी

वो राह कहाँ मोड़ी ।

13

नस नस में घोटाला

तन उनका उजला

पर मन कितना काला !

14

कैसे

पूरा पढ़े ...

दरिया में पानी ना (माहिया)1-11

 

डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

1

रुत ये वासंती है

चरणों में हमको

ले लो ये विनती है ।

2

दो बूँद दया बरसे

हम भी हैं तेरे

पूरा पढ़े ...

माहिया-35-51

35

हम रीत न तोड़ेंगे

बचपन की यादें

सीपी में जोडेंगे ।

36

पुरवा संग आए हैं

पंछी पाहुन का

संदेसा लाए हैं

पूरा पढ़े ...

सियासी गलियारे

पूरा पढ़े ...

मां\Maa

बच्चे का पहला शब्द है, मां एक वर्ण से पूर्ण; शब्द है, मां
जीवन

पूरा पढ़े ...

मां

बच्चे का पहला शब्द है, मां एक वर्ण से पूर्ण; शब्द है, मां
जीवन

पूरा पढ़े ...

माहिया 35-51

35

हम रीत न तोड़ेंगे

बचपन की यादें

सीपी में जोडेंगे ।

36

पुरवा संग आए हैं

पंछी पाहुन का

संदेसा लाए हैं

पूरा पढ़े ...

माहिया 35-51

35

हम रीत न तोड़ेंगे

बचपन की यादें

सीपी में जोडेंगे ।

36

पुरवा संग आए हैं

पंछी पाहुन का

संदेसा लाए हैं

पूरा पढ़े ...

माहिया 1-17

1

शबनम के गहने हैं

नभ ने भेजे हैं

धरती ने पहने हैं ।

2

तुम कैसे मानोगे

पीड़ा मौन रही

तुम कैसे जानोगे

पूरा पढ़े ...

माहिया 18-34

18

तरुवर की छाया है

मौसम बदलेगा

कुछ दिन की माया है ।

19

अपनों से डरते हो

अखियाँ बंद करूँ

सपनो में सजते हो

पूरा पढ़े ...

माहिया 1-17

1

शबनम के गहने हैं

नभ ने भेजे हैं

धरती ने पहने हैं ।

2

तुम कैसे मानोगे

पीड़ा मौन रही

तुम कैसे जानोगे

पूरा पढ़े ...

बुधवार, 26 दिसंबर 2012

kiya hoga

"क्या होगा"
गुस्सा कर....

अपना माथा

फोड कर

क्या होगा

 

जमीन से

आकाश में

वार कर

क्या होगा

 

समुद्र

पूरा पढ़े ...

नब बर्ष (2013)

मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
इश्वर की कृपा

पूरा पढ़े ...

बस यु ही

मेरा ख्याल उसके दिल से गुजर गया होगा,

नशा ए इश्क अब तो उतर गया होगा,

मेरा हाल दरीदा

पूरा पढ़े ...

25-ये दुनिया खूबसूरत है ज़माना खुबसूरत है-gazal

== ग़ज़ल ==

ये दुनिया खूबसूरत है ज़माना खुबसूरत है =
मुहब्बत की किनज़र से देखने की बस जरुरत है =

वो मेरे बिन

पूरा पढ़े ...

06-मुझको जन्नत न बाग़े इरम चाहिए

नात - ए - रसूल=
मुझको जन्नत न बाग़े इरम चाहिए=
रब के दिलबर का नक़्शे क़दम चाहिए=

मेरी आँखे तरसती है दीदार को=

पूरा पढ़े ...

26-लगते हो  क्यूं ख़फ़ा ख़फ़ा ऐसा हुआ है क्या gazal

== ग़ज़ल==
लगते हो क्यूं ख़फ़ा ख़फ़ा ऐसा हुआ है क्या=
ऐ ना खुदा बता दे हमारी ख़ता है क्या =

इस चांदनी में

पूरा पढ़े ...

25-ये दुनिया खूबसूरत है ज़माना खुबसूरत है-gazal

== ग़ज़ल ==

ये दुनिया खूबसूरत है ज़माना खुबसूरत है =
मुहब्बत नज़र से देखने की बस जरुरत है =

वो मेरे बिन

पूरा पढ़े ...

मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

Instrumental Bhajan - Vaishnav jan to tene kahie.

Instrumental Bhajan - Vaishnav jan to tene kahie.

DEAR FRIENDS,

I PLAYED ELE.HAWAIIAN GUITAR INSTRUMENTAL

"Vaishnav jan to tene kahie."

WITH HELP OF SONUUS G2M, ROLAND XP 30 AND MY ELE.GUITAR.

MY YOUNG LOVELY DAUGHTER NAME -
KHUSHBU DAVE HAD SANG ALAP IN THIS

पूरा पढ़े ...

शाम

किस कदर खामोश थी मुलाकात की शाम,
हम थे तुम थे और हवाओ पर नन्हे पैग़ाम,
कि तेरी हर मुस्कान पर तारे खिल उठते है,
तेरी आँखो

पूरा पढ़े ...

शाम

किस कदर खामोश थी मुलाकात की शाम,
हम थे तुम थे और हवाओ पर नन्हे पैग़ाम,
कि तेरी हर मुस्कान पर तारे खिल उठते है,
तेरी आँखो

पूरा पढ़े ...

शाम

किस कदर खामोश थी मुलाकात की शाम,
हम थे तुम थे और हवाओ पर नन्हे पैग़ाम,
कि तेरी हर मुस्कान पर तारे खिल उठते है,
तेरी आँखो

पूरा पढ़े ...

शाम

किस कदर खामोश थी मुलाकात की शाम,
हम थे तुम थे और हवाओ पर नन्हे पैग़ाम,
कि तेरी हर मुस्कान पर तारे खिल उठते है,
तेरी आँखो

पूरा पढ़े ...

शाम

किस कदर खामोश थी मुलाकात की शाम,
हम थे तुम थे और हवाओ पर नन्हे पैग़ाम,
कि तेरी हर मुस्कान पर तारे खिल उठते है,
तेरी आँखो

पूरा पढ़े ...

शाम

किस कदर खामोश थी मुलाकात की शाम,
हम थे तुम थे और हवाओ पर नन्हे पैग़ाम,
कि तेरी हर मुस्कान पर तारे खिल उठते है,
तेरी आँखो

पूरा पढ़े ...

शाम

किस कदर खामोश थी मुलाकात की शाम,
हम थे तुम थे और हवाओ पर नन्हे पैग़ाम,
कि तेरी हर मुस्कान पर तारे खिल उठते है,
तेरी आँखो

पूरा पढ़े ...

शाम

किस कदर खामोश थी मुलाकात की शाम,
हम थे तुम थे और हवाओ पर नन्हे पैग़ाम,
कि तेरी हर मुस्कान पर तारे खिल उठते है,
तेरी आँखो

पूरा पढ़े ...

06-मुझको जन्नत न बाग़े इरम चाहिए

नात - ए - रसूल=
मुझको जन्नत न बाग़े इरम चाहिए=
रब के दिलबर का नक़्शे क़दम चाहिए=

मेरी आँखे तरसती है दीदार को=

पूरा पढ़े ...

24-मुश्क़िलों में दिल के भी रिश्ते पुराने हो गए =gazal

--ग़ज़ल==
मुश्क़िलों में दिल के भी रिश्ते पुराने हो गए =
ग़ैर से क्या हो गिला अपने बेगाने हो गए =

अबभी

पूरा पढ़े ...

16-इश्क तुमसे किया नहीं होता -gazal

-- ग़ज़ल --
इश्क तुमसे किया नहीं होता -
जिन्दगी में मज़ा नहीं होता -

रात भी यूँ हँसी नहीं होती -
दिन भी यूँ

पूरा पढ़े ...

16-इश्क तुमसे किया नहीं होता -gazal

-- ग़ज़ल --
इश्क तुमसे किया नहीं होता -
जिन्दगी में मज़ा नहीं होता -

रात भी यूँ हँसी नहीं होती -
दिन भी यूँ

पूरा पढ़े ...

08-ये दिल बेचैन होता है, कलेजा काँप जाता है

याद-ए-हुसैन ..
ये दिल बेचैन होता है, कलेजा काँप जाता है !
वो मंज़र कर्बला का जिस घड़ी भी याद आता है !

रहे हैं भूखे

पूरा पढ़े ...

22-यूँ मजहबों में बंट के ना संसार बांटिये- gazal

ग़ज़ल
यूँ मजहबों में बंट के ना संसार बांटिये !
कुछ बांटना है आपको तो प्यार बांटिये !!

आंगन मे खून कि न

पूरा पढ़े ...

23-हम तो उनके प्यार की शम्मां दिल में जलाए बैठे हैं

--ग़ज़ल --
हम तो उनके प्यार की शम्मां दिल में जलाए बैठे हैं -
क्यूं मिलने से कतराते हैं, क्यूं वो आँख चुराते

पूरा पढ़े ...

23-हम तो उनके प्यार की शम्मां दिल में जलाए बैठे हैं

--ग़ज़ल --
हम तो उनके प्यार की शम्मां दिल में जलाए बैठे हैं -
क्यूं मिलने से कतराते हैं, क्यूं वो आँख चुराते

पूरा पढ़े ...

23-हम तो उनके प्यार की शम्मां दिल में जलाए बैठे हैं

--ग़ज़ल --
हम तो उनके प्यार की शम्मां दिल में जलाए बैठे हैं -
क्यूं मिलने से कतराते हैं, क्यूं वो आँख चुराते

पूरा पढ़े ...

01- इब्तदा तुझी से है इन्तहा तुझी से है-हम्द

-- हम्द--
इब्तदा तुझी से है इन्तहा तुझी से है -
ये निज़ाम दुनिया का ऐ खुदा तुझी से है -

जिन्नों इंसा बहरो

पूरा पढ़े ...

21-हार कर रुकना नहीं ग़र तेरी मंजिल दूर है

-- ग़ज़ल --
हार कर रुकना नहीं ग़र तेरी मंजिल दूर है !
ठोकरें खाकर सम्हलना वक्त का दस्तूर है !

हौसले

पूरा पढ़े ...

8-ये दिल बेचैन होता है, कलेजा काँप जाता है

याद-ए-हुसैन ..
ये दिल बेचैन होता है, कलेजा काँप जाता है !
वो मंज़र कर्बला का जिस घड़ी भी याद आता है !

रहे हैं भूखे

पूरा पढ़े ...

इश्क तुमसे किया नहीं होता -gazal

-- ग़ज़ल --
इश्क तुमसे किया नहीं होता -
जिन्दगी में मज़ा नहीं होता -

रात भी यूँ हँसी नहीं होती -
दिन भी यूँ

पूरा पढ़े ...

यूँ मजहबों में बंट के ना संसार बांटिये- gazal

ग़ज़ल
यूँ मजहबों में बंट के ना संसार बांटिये !
कुछ बांटना है आपको तो प्यार बांटिये !!

आंगन मे खून कि न

पूरा पढ़े ...

जनाजा

जनाजा
कलम लडखडाने लगी है
सच् बोलनेको
लहरें मार रही है
सियाही
पर
लेखक के सामने
यह कटघरा क्यों ?
क्या तुक

पूरा पढ़े ...

सोमवार, 24 दिसंबर 2012

मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!!!

ये सच है,

मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!

 

क्योंकि, मंज़िलों पर पहुंचकर,

बैठ जाते हैं, लोग...

आराम से,

इत्मिनान

Shwet

जज़्बात पर हावी यकीनन धाक हो गयी है

गजल

जज़्बात पर हावी यकीनन धाक हो गयी है
दिल्ली की सल्तनत बड़ी नापाक हो गयी है ।

नुमाइंदे आवाम के बसते हैं जिस

पूरा पढ़े ...

रविवार, 23 दिसंबर 2012

बेबस मन

आजकल
भागता है मन
तुम्हारी तरफ
अधिकार नहीं रहा
स्वयं पर
प्रत्येक क्षण
मिलने की प्रबल इच्छा
तुम्हें देखने की

पूरा पढ़े ...

ek azad panchi udne ko chala

ek azad panchi udne ko chala

age rakh ashaon ko..

bandhan sare tod ke chala..

kate hue paron ko jhankjhor ke chala..

ek azad panchi udne ko chala..

 

piche sare apne rhe gae

par vo apno ke liye apno se door chala..

bhool ke sari yadein

kuch banne ko chala..

ek

पूरा पढ़े ...

समोसे

गरम समोसे हमने परोसे
बोले भईया खालो
मुँह मे हमरे छाले हैं
इनको दूर हटा लो
इनको दूर हटा लो
वरना हमसे रहा ना

पूरा पढ़े ...

azad panchi

ek azad panchi udne ko chala

age rakh ashaon ko..

bandhan sare tod ke chala..

kate hue paron ko jhankjhor ke chala..

ek azad panchi udne ko chala..

 

piche sare apne rhe gae

par vo apno ke liye apno se door chala..

bhool ke sari yadein

kuch banne ko chala..

ek

पूरा पढ़े ...

मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!!!

ये सच है,

मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!

 

क्योंकि, मंज़िलों पर पहुंचकर,

बैठ जाते हैं, लोग...

आराम से,

इत्मिनान

Shwet

मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!!!

ये सच है,

मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!

 

क्योंकि, मंज़िलों पर पहुंचकर,

बैठ जाते हैं, लोग...

आराम से,

इत्मिनान

Shwet

मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!!!

ये सच है,

मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!

क्योंकि, मंज़िलों पर पहुंचकर,

बैठ जाते हैं, लोग...

आराम से,

इत्मिनान

Shwet

मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!!!

ये सच है,
मुझे मंज़िल की तलाश नहीं!
क्योंकि, मंज़िलों पर पहुंचकर,
बैठ जाते हैं, लोग...
आराम से,
इत्मिनान

Shwet

तुमने काटा है बहुत मुझे

तुमने काटा है बहुत मुझे
मैं कुछ नही बोला
सोचा तुम्हारी जरूरत है
पर अब लगता है तुम्हारा
लालच बढ़ता ही जा रहा

पूरा पढ़े ...

Geet-Nahi Hote

vishdharon beech rahe tab jana,
vish insano me jyada hai.
vishdhar bhi insano ki tarah,
hridaya heen nahi hote.
insani vish dansho ke,
nidan nahi hote.
peeda ke sagar math jana,
har sagar me ratan nahi hote.
amrit pas jo hota apne to,
kandho par lash nahi dhote.
swet pankh wale bagulo

पूरा पढ़े ...

दिल्लि गेन्ग रेप ओर एक सबक

Main……ek ladka…… jiska Rape hone ke chances negligible hai…..
Maine suna hai Delhi main ek rape hua hai…
Ab itna bada mulk or ghar ghar main laga tv.
Har hanth main rakha mobile
Or phir ye naya sirdard facebook
Choti choti chejo ko lekar log hyper emotional kyo ho jate hai…
Abhi

पूरा पढ़े ...

दिल्लि गेन्ग रेप ओर एक सबक

Main……ek ladka…… jiska Rape hone ke chances negligible hai…..
Maine suna hai Delhi main ek rape hua hai…
Ab itna bada mulk or ghar ghar main laga tv.
Har hanth main rakha mobile
Or phir ye naya sirdard facebook
Choti choti chejo ko lekar log hyper emotional kyo ho jate hai…
Abhi

पूरा पढ़े ...

भारतवर्ष

वो किस राह का भटका पथिक है ?
मेगस्थिनिस बन बैठा है
चन्द्रगुप्त के दरबार में
लिखता चुटकुले
दैनिक अखबार में

पूरा पढ़े ...

राष्ट्रगान

जहां प्यार करने के लिए
दिल होने से ज्यादा गुंडा होना ज़रूरी है |
जहां ‘सत्य’ शब्द का इस्तेमाल
केवल अर्थी ले जाने

पूरा पढ़े ...

चप्पल से लिपटी चाहतें

चाहता हूँ
एक पुरानी डायरी
कविता लिखने के लिए
एक कोरा काग़ज़
चित्र बनाने के लिए
एक शांत कोना
पृथ्वी का
गुनगुनाने

पूरा पढ़े ...

चिड़ियाघर

एक रोज़ चिड़ियाघर में मचा बवाल
कुछ जानवरों ने किया हड़ताल, कहा- करो हमें स्वतंत्र
निकाल फेंका चिड़ियाघर के सभी

पूरा पढ़े ...

संतुलन

मेरे नगर में
मर रहे हैं पूर्वज
ख़त्म हो रही हैं स्मृतियाँ
अदृश्य सम्वाद !
किसी की नहीं याद -
हम ग़ुलाम अच्छे थे
या

पूरा पढ़े ...

भौतिकी

याद हैं वो दिन संदीपनजब हमरात भर जाग करहल करते थेरेसनिक हेलिडेएच सी वर्माइरोडोव ? हम ढूंढते थे वो एक सूत्रजिसमे

पूरा पढ़े ...

जूते

इन भूरे जूतों ने
तय किए हैं
कितने ही सफ़र !

चक्खा है इन्होंने
समुद्र का खारापन
थिरके हैं ये
पहाड़ी लोकगीत पर
और

पूरा पढ़े ...

जनपथ

जनपथ में सजा है दरबार
गुज़रता है बच्चा
बेचता रंगीन अख़बार
“आज की ताज़ा ख़बर -
फलानां दुकान में भारी छूट !
आज की

पूरा पढ़े ...

कोई तो है!

कोई तो है!
 

मेरा पाठक मुरझा गया है क्योंकि कोई उसकी समस्या अनसुलझी छोड़ कर सुलझा गया है।

मैं जो लिखता हूं वह

पूरा पढ़े ...

कर्म योगी

पूरा पढ़े ...

फुटपाथ

फुटपाथ

सिकुड़कर फटि हुई कपड़ो मे
गठरीनुमा होता जारहा है वह
मायुस सा
आँखो मे प्रचुर गम्भीरता लिए

पूरा पढ़े ...

जनाजा

जनाजा
कलम लडखडाने लगी है
सच् बोलनेको
लहरें मार रही है
सियाही
पर
लेखक के सामने
यह कटघरा क्यों ?
क्या तुक

पूरा पढ़े ...

पीने की महिमा

पीने की महिमा

रात गुजारते हम मैखाने मे,
दिन गुजरता पीने की चाहत मे;
पीते जो खुशीया मनाने,गम को भुलाने,
या दिलवर के

पूरा पढ़े ...

तुम पराई &quot;हो-ली&quot;

तुम पराई "हो-ली"

प्रिये ! तुम तो पराई "हो-ली";
छिपुं बिस्मृती के अंधकार मे,
उसके पहले हृदय पलट पे,
मेरे

पूरा पढ़े ...

यादो की परछाई

यादो की परछाई

यादो के झुरमुट से कोई पत्ता,
उड़ते हुवे आया;
उस पर कुछ धुल जमी थी,
मन है कि मचल पड़ा!
पुरानी

पूरा पढ़े ...

नज़र का खेल

नज़र का खेल

नज़र उठी-नज़र गिरी-नज़र मिलाकर ;
नज़र फड़की- नज़र मिली, नज़र हुई चार,
नज़र की नज़ाकत का यह नाजूक नज़राना ।
नज़र का

पूरा पढ़े ...

खुद की नज़र मे गिरा!!!

खुद की नज़र मे गिरा!!!

मंजिल बदल लेने से रास्ते बदलते नहीं ;
आईने मे तस्वीर मेरी रुहु से नहीं मिलती,
हम जींदे तो खड़े

पूरा पढ़े ...

इन्सानी फ़ितरत

इन्सानी फ़ितरत

अक्सर ऐसा होता किया भला जिसका,
वह ही शक्स बुरा चाहता क्यो उसीका!
शायद तभी कहे नेकी कर दरिया मे

पूरा पढ़े ...

मेरी लोभी आकंक्ष्या

मेरी लोभी आकंक्ष्या

मेरी आकंक्ष्या या लक्ष्य;
जीवन की विषम त्रासदी!
मेरा चरित्र का शंसय,
किसलिये,किस का ......
लिये

पूरा पढ़े ...

स्वप्न बुनना

स्वप्न बुनना

जब देखता हूँ ;
बिछोने पर बैठी,
हज़ारों फंदे डाल,
बेटे के लिये,जाड़े मे,
क्रोशिए से स्वेटर बुनते!
सोचता

पूरा पढ़े ...

पाषाण मूर्ती !!

पाषाण मूर्ती !!

क्यों किसी कारीगर के चिंतन को,
तेरा ही चेहरा मिला पत्थरों के लिये,
कैसे? पर्दा उठाना है इस रहस्य

पूरा पढ़े ...

पाषाण मूर्ती !!

पाषाण मूर्ती !!

क्यों किसी कारीगर के चिंतन को,
तेरा ही चेहरा मिला पत्थरों के लिये,
कैसे? पर्दा उठाना है इस रहस्य

पूरा पढ़े ...

शनिवार, 22 दिसंबर 2012

तुमने काटा है बहुत मुझे

तुमने काटा है बहुत मुझे
मैं कुछ नही बोला
सोचा तुम्हारी जरूरत है
पर अब लगता है तुम्हारा
लालच बढ़ता ही जा रहा

पूरा पढ़े ...

karma yogee

पूरा पढ़े ...

karma yogee

पूरा पढ़े ...

जनपथ

जनपथ में सजा है दरबार
गुज़रता है बच्चा
बेचता रंगीन अख़बार
“आज की ताज़ा ख़बर -
फलानां दुकान में भारी छूट !
आज की

पूरा पढ़े ...

जूते

इन भूरे जूतों ने
तय किए हैं
कितने ही सफ़र !

चक्खा है इन्होंने
समुद्र का खारापन
थिरके हैं ये
पहाड़ी लोकगीत पर
और

पूरा पढ़े ...

भौतिकी

याद हैं वो दिन संदीपनजब हमरात भर जाग करहल करते थेरेसनिक हेलिडेएच सी वर्माइरोडोव ? हम ढूंढते थे वो एक सूत्रजिसमे

पूरा पढ़े ...

संतुलन

मेरे नगर में
मर रहे हैं पूर्वज
ख़त्म हो रही हैं स्मृतियाँ
अदृश्य सम्वाद !
किसी की नहीं याद -
हम ग़ुलाम अच्छे थे
या

पूरा पढ़े ...

चिड़ियाघर

एक रोज़ चिड़ियाघर में मचा बवाल
कुछ जानवरों ने किया हड़ताल, कहा- करो हमें स्वतंत्र
निकाल फेंका चिड़ियाघर के सभी

पूरा पढ़े ...

चप्पल से लिपटी चाहतें

चाहता हूँ
एक पुरानी डायरी
कविता लिखने के लिए
एक कोरा काग़ज़
चित्र बनाने के लिए
एक शांत कोना
पृथ्वी का
गुनगुनाने

पूरा पढ़े ...

चप्पल से लिपटी चाहतें

चाहता हूँ
एक पुरानी डायरी
कविता लिखने के लिए
एक कोरा काग़ज़
चित्र बनाने के लिए
एक शांत कोना
पृथ्वी का
गुनगुनाने

पूरा पढ़े ...

राष्ट्रगान

जहां प्यार करने के लिए
दिल होने से ज्यादा गुंडा होना ज़रूरी है |
जहां ‘सत्य’ शब्द का इस्तेमाल
केवल अर्थी ले जाने

पूरा पढ़े ...

भारतवर्ष

वो किस राह का भटका पथिक है ?
मेगस्थिनिस बन बैठा है
चन्द्रगुप्त के दरबार में
लिखता चुटकुले
दैनिक अखबार में

पूरा पढ़े ...

नित नया किनारा ...??

अपने सागर में सिमटी ...

अपनी सीमाओं के संग ....

करती है हिलोर ......

 



मिटने को उठती है प्रत्येक उत्ताल लहर .....

क्यों

पूरा पढ़े ...

गम

गम को छुपा लिया,
ख़ुशी का इजहार किया,
सपनो में प्यार किया,
सपनो में ही सुला दिया..

~ योगेश शर्मा

पूरा पढ़े ...

गम

गम को छुपा लिया,
ख़ुशी का इजहार किया,
सपनो में प्यार किया,
सपनो में ही सुला दिया..

~ योगेश शर्मा

पूरा पढ़े ...

koi to hai

कोई तो है!’
 

मेरा पाठक मुरझा गया है क्योंकि कोई उसकी समस्या अनसुलझी छोड़ कर सुलझा गया है। मैं जो लिखता हूं वह

पूरा पढ़े ...

koi to hai

कोई तो है!’
 

मेरा पाठक मुरझा गया है क्योंकि कोई उसकी समस्या अनसुलझी छोड़ कर सुलझा गया है। मैं जो लिखता हूं वह

पूरा पढ़े ...

Kavita- Panchayat

dilli ki badi panchayat ne badal di,

ab to garibo ki dunia.

videshi dukano se milega ab to,

adrak aloo bengan dhania.

jhonpadi me ab bhookh ka tufan uthega,

bekar ho jayenge ramu -shyamu-mania.

bethkar sansad me kanoon banane walo,

jan lete kash tum itihas ki kamiya.

east

prakash pandey

Kavita- Panchayat

dilli ki badi panchayat ne badal di,

ab to garibo ki dunia.

videshi dukano se milega ab to,

adrak aloo bengan dhania.

jhonpadi me ab bhookh ka tufan uthega,

bekar ho jayenge ramu -shyamu-mania.

bethkar sansad me kanoon banane walo,

jan lete kash tum itihas ki kamiya.

east

पूरा पढ़े ...

Kavita- Panchayat

dilli ki badi panchayat ne badal di,

ab to garibo ki dunia.

videshi dukano se milega ab to,

adrak aloo bengan dhania.

jhonpadi me ab bhookh ka tufan uthega,

bekar ho jayenge ramu -shyamu-mania.

bethkar sansad me kanoon banane walo,

jan lete kash tum itihas ki kamiya.

east

पूरा पढ़े ...

रे ! दुखिया !

रे ! दुखिया !

दुख मे तु रोए !
सुख मे न बोले तु
रे ! दुखिया !

कगनवा झन् झन् करके
सजनवा से झगडे तु
पिया रुठ गए

पूरा पढ़े ...

रे ! दुखिया !

रे ! दुखिया !

दुख मे तु रोए !
सुख मे न बोले तु
रे ! दुखिया !

कगनवा झन् झन् करके
सजनवा से झगडे तु
पिया रुठ गए

पूरा पढ़े ...

दुधवाला

दुधवाला

वो आए चुपके से सबेरे मुझे जगाने

धिरेसे खटखटाके उन्होने दरवाजा

मुझे जगाया

मै कुनमुनाया निंद मे

पूरा पढ़े ...

दुधवाला

दुधवाला

वो आए चुपके से सबेरे मुझे जगानेधिरेसे खटखटाके उन्होने दरवाजामुझे जगाया

मै कुनमुनाया निंद मे

पूरा पढ़े ...

दुधवाला

दुधवाला

वो आए चुपके से सबेरे मुझे जगानेधिरेसे खटखटाके उन्होने दरवाजा

मुझे जगाया

मै कुनमुनाया निंद मे

पूरा पढ़े ...

दुधवाला

दुधवाला

वो आए चुपके से सबेरे मुझे जगाने

धिरेसे खटखटाके उन्होने दरवाजा

मुझे जगाया

मै कुनमुनाया निंद मे

पूरा पढ़े ...

Geet- Nahi Hote

vishdharon beech rahe tab jana,

vish insano me jyada hai.

vishdhar bhi insano ki tarah ,

hriday heen nahi hote.

insani vish dansho ke ,

nidan nahi hote.

peeda ke sagar math jana,

har sagar me ratan nahi hote.

amrit pas jo hota apne to,

kandho par lash nahi dhote,

swet

पूरा पढ़े ...

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

बेटिया

बेटिया तो एहसास होती है
माँ की ममता और पिता का प्यार होती है
कभी सुबह तो कभी शाम होती है
बेटिया तो एहसास होती

पूरा पढ़े ...

बेटिया

बेटिया तो एहसास होती है
माँ की ममता और पिता का प्यार होती है
कभी सुबह तो कभी शाम होती है
बेटिया तो एहसास होती है

पूरा पढ़े ...

भले लोगो का इस शहर में..........

भले लोगों का इस शहर में
कबसे आना जाना है?
सूनी सड़के, टूटी राहें
लगता सब विराना है
छुप जाते हैं चलते चलते
काली

पूरा पढ़े ...

बेला हेमंत उषा की आई .....!!

बेला हेमंत उषा की आई .....!!

पनिहारिन मुस्काई ...

ओस झरी प्रेम भरी ...

रस गागर भर भर लाई ....!!

चहुँ ओर जागृति छाई ....

बेला

पूरा पढ़े ...

पुनः ..... बूँद बूँद ओस.....!!

सुषुप्ति छाई ....गहरी थी निद्रा ....

शीतस्वाप जैसा .. .. ....सीत निद्रा में था श्लथ मन ........!!

न स्वप्न कोई .....न कर्म कोई ...न

पूरा पढ़े ...

सब है अपने

छाया घना कोहरा है,

आँखों के आगे अँधेरा है,

सपनो को तोड़ते मड़ोड़ते,

चलते कई राक्षस ...

करो सूरज की चाहत,

देखो

पूरा पढ़े ...

नई सुबह....!!

अँधेरे कमरे की




खिड़की से-




देख रही थी मैं--




प्रकृति का करिश्मा....!! ,




व्योम को निर्निमेष

पूरा पढ़े ...

नई सुबह....!!

अँधेरे कमरे की




खिड़की से-




देख रही थी मैं--




प्रकृति का करिश्मा....!! ,




व्योम को निर्निमेष

पूरा पढ़े ...

उनकि ये शिकायत है

उनकि ये शिकायत है कि कभी हम उन्हे याद करते नही,

पूरा पढ़े ...

वक्त अभी का वापस ना आएगा

वक्त अभी का वापस ना आएगा जीलो शिद्दत से इस पल को,

ताकि खुद ही से शिकायत नही हो अफसोस करते हुए कल को.

पूरा पढ़े ...

सब है अपने

छाया घना कोहरा है,

आँखों के आगे अँधेरा है,

सपनो को तोड़ते मड़ोड़ते,

चलते कई राक्षस ...

करो सूरज की चाहत,

देखो

पूरा पढ़े ...

गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

नई सुबह....!!

अँधेरे कमरे की




खिड़की से-




देख रही थी मैं--




प्रकृति का करिश्मा....!! ,




व्योम को निर्निमेष

पूरा पढ़े ...

पुनः ..... बूँद बूँद ओस.....!!

सुषुप्ति छाई ....गहरी थी निद्रा ....

शीतस्वाप जैसा .. .. ....सीत निद्रा में था श्लथ मन ........!!

न स्वप्न कोई .....न कर्म कोई ...न

पूरा पढ़े ...

बेला हेमंत उषा की आई .....!!

बेला हेमंत उषा की आई .....!!

पनिहारिन मुस्काई ...

ओस झरी प्रेम भरी ...

रस गागर भर भर लाई ....!!

चहुँ ओर जागृति छाई ....

बेला

पूरा पढ़े ...

बेला हेमंत उषा की आई .....!!

बेला हेमंत उषा की आई .....!!

पनिहारिन मुस्काई ...

ओस झरी प्रेम भरी ...

रस गागर भर भर लाई ....!!

चहुँ ओर जागृति छाई ....

बेला

पूरा पढ़े ...

धार बनी नदिया की ....!!

छवि मन भावे ...




नयन समावे ..




सूरतिया पिया की ...




 




बन बन .. ढूँढूँ ..




घन बन बिचरूं .....




धार बनी नदिया

पूरा पढ़े ...

निर्मल निर्लेप नीला आकाश ...

निर्मल निर्लेप नीला आकाश ...

देता है वो विस्तार .....

कि तरंगित हो जाती है कल्पना ...

नाद सी.......हो साकार ....

 

अकस्मात

पूरा पढ़े ...

Talash Hai Kisiki

Talash Hai Kisi Ki Tanha Zindagi Mein
Kahan Dhundhoon Mai Tujhe Is Alam-e-Bebasi Mein
Kis Ko Sunaye Hum Dard-e-Dil Apne
Milta Nahi Koi Humsafar Is

Talash Hai Kisiki

Talash Hai Kisiki

Talash Hai Kisi Ki Tanha Zindagi Mein
Kahan Dhundhoon Mai Tujhe Is Alam-e-Bebasi Mein
Kis Ko Sunaye Hum Dard-e-Dil Apne
Milta Nahi Koi Humsafar Is

Talash Hai Kisiki

SHAYARI

वक्त अभी का वापस ना आएगा जीलो शिद्दत से इस पल को,

ताकि खुद ही से शिकायत नही हो अफसोस करते हुए कल को.

पूरा पढ़े ...

SHAYARI

वक्त अभी का वापस ना आएगा जीलो शिद्दत से इस पल को,

ताकि खुद ही से शिकायत नही हो अफसोस करते हुए कल को.

पूरा पढ़े ...

SHAYARI

उनकि ये शिकायत है कि कभी हम उन्हे याद करते नही,

पूरा पढ़े ...

हिन्दुस्तान की ब्यथा

हिन्दुस्तान की ब्यथा

भारत!
अब न भारद्वाज कि
भारत रही
न अकबर की
हिन्दुस्तान
एक कलियुग का
सुदामा
हाथों मे दिया

पूरा पढ़े ...

हिन्दुस्तान की ब्यथा

हिन्दुस्तान की ब्यथा

भारत!
अब न भारद्वाज कि
भारत रही
न अकबर की
हिन्दुस्तान
एक कलियुग का
सुदामा
हाथों मे दिया

पूरा पढ़े ...

सांसों में खुशबू

 

क्यों तुम दिल के करीब रहते हो
सांसों में खुशबू से बहते हो
जब छूने को बढ़ती हूँ आगे
क्यों दूर रहने को कहते

पूरा पढ़े ...

आओ सुनाऊँ तुम्हें अपनी प्रेम कहानी

आओ सुनाऊँ तुम्हें - अपनी प्रेम कहानी
मेरी कागज की कश्ती - वो बारिश का पानी
----------------------------------------------
वो चुप-चुप रहना - वो

पूरा पढ़े ...

बुधवार, 19 दिसंबर 2012

पश्चिमीकरण

पश्चिमीकरण
पश्चिमीकरण से कुछ हो
रहा हो या न हो,
पर, पूरब की माताऐं ममी
और पिता डेड अवश्‍य हो
रहे

पूरा पढ़े ...

दिल में सौ दर्द पाले बहन-बेटियाँ

कोई कैसे संभाले बहन-बेटियां
दिल में सौ दर्द पाले बहन-बेटियां
घर में बांटें उजाले बहन-बेटियां
कामना एक मन में

पूरा पढ़े ...

अनारकली

अनारकली

अकबर के दरबार मे
हुई खलबली
जब शलिम कि एक कनिज से
मोहब्बत हो चली
अकबर दहाडे
कौन न है वो बेगैरत

पूरा पढ़े ...

बस तुम नही हो

बस तुम नही हो
कर्म करो फल की न करो चिन्ता
यह तुमने क्या कह डाला मेरे कृष्ण
तुम्हारे जमाने मे तो एक हि सुदामा

पूरा पढ़े ...

स्त्री की कराह

कराह के राह पर छोड़ दिया, प्यार ने मुझको सींचा ।
पता न था स्त्री होने की इतनी बड़ी सजा होगी ।
चीर दुशासन ने भरी सभा

पूरा पढ़े ...

हल्ला बोल

पूरा पढ़े ...

जमीन के अमीन

घर-घर ढूढों व जंजीरे व तक्दीरें

आज आई है इन्तहा की घडीं
जागो ओर देखो अपना गांव अपना देश
जो बना है आज एक शोला
आज पीट

पूरा पढ़े ...

दर्द मे हंसना आ जाए जब तभी कहें कि जिन्दा है

दर्द मे हंसना आ जाए जब तभी कहें कि जिन्दा है,

सजदे कोई शिश झुकाले समझ

पूरा पढ़े ...

छूट गए साथ निभाने वाले

छूट गए साथ निभाने वाले

वक्त की करनी ही कुछ ऐसी थी

जिसको पूनम का चांद समझा

वो अन्दर से कालिख जैसी थी

पूरा पढ़े ...

छुट गए साथ निभाने वाले

छुट गए साथ निभाने वाले

वक्त की करनी ही कुछ ऐसी थी

जिसको पूनम का ्चान्द समझा

वो अन्दर से कालिख जैसी थी

पूरा पढ़े ...

दर्द मे हंसना आ जाए जब तभी कहें कि जिन्दा है

दर्द मे हंसना आ जाए जब तभी कहें कि जिन्दा है,

सजदे कोई शिश झुकाले समझ

पूरा पढ़े ...

Koi To Bataye

Koi To Bataye
Thoda-thoda dard hai, thoda thoda ahsas

Thodi si dhup hai, thodi hai barsat

Bhid hai par thodi tanhayi bhi hai aspas

Koi to bataye……

kya karien hum

Kisse ruthein kisse bat karien hum

Thodi berukhi hai thodi dillagi hai

Thodi hai sharm thodi

पूरा पढ़े ...

Koi To Bataye

Koi To Bataye
Thoda-thoda dard hai, thoda thoda ahsas
Thodi si dhup hai, thodi hai barsat
Bhid hai par thodi tanhayi bhi hai aspas
Koi to bataye......
kya karien hum
Kisse ruthein kisse bat karien hum
Thodi berukhi hai thodi dillagi hai
Thodi hai sharm thodi hi behayayi
Mohabbat hai to

पूरा पढ़े ...

SHAYARI

छुट गए साथ निभाने वाले

वक्त की करनी ही कुछ ऐसी थी

जिसको पूनम का ्चान्द समझा

वो अन्दर से कालिख जैसी थी

पूरा पढ़े ...

SHAYARI

छुट गए साथ निभाने वाले

वक्त की करनी ही कुछ ऐसी थ

जिसको पूनम का ्चान्द समझा

वो अन्दर से कालिख जैसी थी

पूरा पढ़े ...

तुम ना आये

तुम ना आये तुम को मैं तकती रही

रात भर जलती रही गलती रही

ख्वाहिशें मेरी ...सीने में सिसकती रही

तुम ना आये रात भर

पूरा पढ़े ...

Gazel

iss mulk me sab theek hai hifazat ke siwa.

har cheez yahan mehangi hai aurat ki asmat ke siwa.

ghar-ghar-me mukadme hai dil-dil me raqabat hai.

kuch aur nahi dikhta yahan siyasat ke siwa.

kitni besharmi se tarakki ke afsane sunaye jate hai.

sansad me bhi kuch aur nahi ghotalon ke

पूरा पढ़े ...

मंगलवार, 18 दिसंबर 2012

SHAYARI

दर्द मे हंसना आ जाए जब तभी कहें कि जिन्दा है,

सजदे कोई शिश झुकाले समझ

पूरा पढ़े ...

SHAYARI

दर्द मे हंसना आ जाए जब तभी कहें कि जिन्दा है,

सजदे कोई शिश झुकाले समझ

पूरा पढ़े ...

SHAYARI

दर्द मे हंसना आ जाए जब तभी कहें कि जिन्दा है,

सजदे कोई शिश झुकाले समझ

पूरा पढ़े ...

परख.....

नजरो से तुल ही जाती हे,

हेसियत हर शक्स की |

हो ही जाती हे जहा परख,

वक्त आने पर दक्ष की ||

पट

पूरा पढ़े ...

लालच का दानव

लालच का दानव घुस कर जब ,

मानव मन पलता जायेगा

ना करो कल्पना

पूरा पढ़े ...

सत्ता की जुगलबंदी

सत्ता की जुगलबंदी


कैसी सोच अपनी है किधर हम जा रहें यारों
गर कोई देखना चाहें बतन मेरे बो आ जाये

तिजोरी में भरा धन

पूरा पढ़े ...

आम हो गये खास

आम हो गये खास

आम ने आम को चाहा,
तो आम खास हो गये,
होकर खास वो,
आम से दूर हो गये,
पूछा जो आम ने,
आप ऐसे कैसे हो गये ?
सुन

पूरा पढ़े ...

सोमवार, 17 दिसंबर 2012

चलो,वोट करें।

<a href="http://www.hindisahitya.org/markand-dave/%e0%a4%9a%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%b5%e0%a5%8b%e0%a4%9f-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a5%a4/attachment/five/" rel="attachment wp-att-23563"><img

पूरा पढ़े ...

चलो,वोट करें।

<img src="http://mktvfilms.blogspot.in/2012/12/blog-post_17.html" alt="Gujarat elections.2012."

पूरा पढ़े ...

मुक्‍तक

 

जिसे तू भगवान कहता है, वो रहमान कहता है।

 

तू जिसपर जान देता है, उसीपे वो भी मरता है।।

पंडित को गिला कोई न

पूरा पढ़े ...

अनारकली

अनारकली

अकबर के दरबार मे
हुई खलबली
जब शलिम कि एक कनिज से
मोहब्बत हो चली
अकबर दहाडे
कौन न है वो बेगैरत

पूरा पढ़े ...

बस तुम नही हो

बस तुम नही हो
कर्म करो फल की न करो चिन्ता
यह तुमने क्या कह डाला मेरे कृष्ण
तुम्हारे जमाने मे तो एक हि सुदामा

पूरा पढ़े ...

रविवार, 16 दिसंबर 2012

जल रहा अलाव

जल रहा अलाव आज

लोग भी होंगे वहीं

मन की पीर –भटकनें

झोंकते होंगे वहीं

 

कहीं कोई सुना रहा

विषाद की व्यथा

पूरा पढ़े ...

पूरा पढ़े ...

जल रहा अलाव

जल रहा अलाव
****
जल रहा अलाव आज
लोग भी होंगे वहीं
मन की पीर –भटकनें
झोंकते होंगे वहीं

कहीं कोई सुना रहा
विषाद

पूरा पढ़े ...

जल रहा अलाव

जल रहा अलाव

****

जल रहा अलाव आज

लोग भी होंगे वहीं

मन की पीर –भटकनें

झोंकते होंगे वहीं

 

कहीं कोई सुना

पूरा पढ़े ...

बस बारातियों का स्वागत पानी पिलाकर किजिएगा

एक लड़का लड़की को देखने आया
थोड़ा मुस्कुराया फिर शरमाया
शरमाते हुए एक परचा
लड़की को थमाया
लड़की परची को

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...

कवित्त

चिर निद्रा से मति जागो देखो पीछे मुड़कर।
हमारी विजय की सुगंध महक रही है।
समय के हर एक सोपान पर अभी तक,
पद चिन्ह हमारे

पूरा पढ़े ...